छोटी सी बात का अफसाना बना दिया
अपना था तुम्हारा, बेगाना बना दिया
अधेंरे में पल रहा था सपनों का भ्रम
रोशनी ने उनको पागल बना दिया
उम्र बहुत लम्बी है पर समय बहुत कम
आकाश को आंकाक्षाओं की सीमा बना दिया
रूक तो मैं जाता पर मंजिल थी बहुत दूर
एक हमसफर ने मुझको अपना बना लिया
शुक्रिया तो दे दो रूखसती से पहले
एक लम्हें से तुमने जीवन चुरा लिया
:)
शनिवार, 19 सितंबर 2009
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बहुत खुब, इस लाजवाब रचना के लिए बहुत-बहुत बधाई। नवरात्र की हार्दिक शुभकामनायें.......
जवाब देंहटाएंयह पंक्ति मन मोह गयी
जवाब देंहटाएंएक लम्हें से तुमने जीवन चुरा लिया
प्यारी रचना के लिये बधाई
एक लम्हें से तुमने जीवन चुरा लिया
जवाब देंहटाएंDIL KO CHOOTI HUYEE NIKAL GAYEE YEH RACHNA ..... LAJAWAAB
एक लम्हे से तुमने जीवन चुरा लिया। ये पंक्तियॉ मेरे दिल को छू गयी। क्योंकि मेरे साथ ये घटना घटित हुयी है ।
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