खोल दो खिड़कियाँ की दम धुटता है
आह तुमने न सुनी तो न सही
चीखँ पर तो अजनबी भी पलटता है
राह उनको दिखाता है फिसलन कि
और हँसता है जब कोई फिसलता है
वो कह रहा था मुझसे कि बन दरियादिल
आँख में अपनी उनकों, तिनका भी खटकता है
:)
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"Cogito, ergo sum"